शिव गंग भई जग तारन को पहलों बूंद पड़ों गणपति पर ऋद्धि सिद्धि लावन को शिव गंग भई......
दूसरों बूँद पड़ों ब्रह्म जी पर बेद को सार बखानन को। शिव गंग भई
तिसरों बूँद पड़ों विष्णु जी पर पालन सृष्टि करावन को। शिव गंग भई .....
चौथों बूँद पड़ों शिव जी पर सृष्टि संहार करावन को। शिवगंग भई .....
पाँचवों बूँद पड़ो राम जी पर असुर संहार करावन को। शिव गंग भई .....
छव्वों बूँद पड़ों कृष्ण जी पर ब्रज में रास रचावन को। शिव गंग भई .....
सातवों बूंद पड़ों दुर्गा पर अटल सुहाग दिलावन को .....
शिव गंग भई जग तारन को .....