आज नवरात्रि का पांचवां दिन है, और इस दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। यह देवी भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं और अपने पुत्र के साथ सवारी करती हैं।
माँ स्कंदमाता का स्वरूप: स्कंदमाता चार भुजाओं वाली देवी हैं और उनके साथ उनका पुत्र स्कंद (कार्तिकेय) बालक रूप में विराजमान रहता है। उनका वाहन सिंह है, और वे अपने गोद में स्कंद को लेकर सभी भक्तों की रक्षा करती हैं।
कथा: स्कंदमाता की कथा उनके पुत्र भगवान स्कंद से जुड़ी है, जो देवताओं के सेनापति थे। जब देवताओं और असुरों के बीच घोर युद्ध हुआ, तब स्कंदमाता ने अपने पुत्र को युद्ध में अग्रणी योद्धा के रूप में भेजा।
पूजा का महत्व: स्कंदमाता की पूजा करने से मातृत्व का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और साथ ही पारिवारिक जीवन में सुख-शांति का संचार होता है। वे माता के रूप में अपने भक्तों की हर विपत्ति से रक्षा करती हैं।
ध्यान मंत्र: "सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥"
"ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः"