आज नवरात्रि का नवां और अंतिम दिन है, और इस दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह देवी सभी सिद्धियों की दात्री हैं और भक्तों को दिव्य शक्तियों का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
सिद्धिदात्री का स्वरूप: सिद्धिदात्री देवी चार भुजाओं वाली हैं और कमल के आसन पर विराजमान होती हैं। वे सभी प्रकार की सिद्धियों की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं।
कथा: सिद्धिदात्री देवी ने भगवान विष्णु, शिव, और ब्रह्मा को सभी सिद्धियाँ प्रदान कीं। उनके आशीर्वाद से ही संसार के निर्माण और संचालन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई।
महत्व: सिद्धिदात्री देवी की पूजा से ज्ञान, आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। उनकी कृपा से साधक को सभी सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
ध्यान मंत्र: "सिद्धगन्धर्वयक्षाघैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥"