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बाँस की बाँसुरिया पे घणों इतरावे bans ki basuriya kanha ghano itrave bhajan lyrics

Author :GunjanSun Oct 01 2023
Category :Krishna Bhajan

बाँस की बाँसुरिया पे घणों इतरावे लिरिक्स बाँस की बाँसुरिया पे, घणों इतरावे,

कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो होती, जाणें काई करतो, काईं करतों, बाँस की बाँसुरिया पे घणों इतरावे,

जेल में जनम लेके घणों इतरावे, कोई महालाँ में जो होतो, कोई अंगणां में जो होतो, जाणें काई करतो, काईं करतों, बाँस की बाँसुरिया पे, घणों इतरावे,

देवकी रे जनम लेके घणो इतरावे, कोई यशोदा के होतो, माँ यशोदा के जो होतो, जाणें काई करतो, काईं करतों, बाँस की बाँसुरिया पे, घणों इतरावे,

गाय को ग्वालो होके घणो इतरावे, कोई गुरुकुल में जो होतो, कोई विद्यालय जो होतो, जाणें काई करतो, काईं करतों, बाँस की बाँसुरिया पे, घणों इतरावे,

@BhajanSangeet

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे, कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्या की जो होती, जाणें काई करतो, काईं करतों, बाँस की बाँसुरिया पे, घणों इतरावे,

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