"गीत की धुन को समझने के लिए, वीडियो जरूर देखें।"

नवरात्रि व्रत कथा | प्रथम दिन शैलपुत्री पूजा | Navratri Vrat Katha 1st day Mata Shailputri

Author :GunjanSat Oct 05 2024

आज नवरात्रि का पहला दिन है, और इस दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। माँ शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं और इन्हें शक्ति का प्रथम रूप माना जाता है।

माँ शैलपुत्री का स्वरूप: शैलपुत्री का नाम ही इस बात का प्रतीक है कि वे पर्वतों के राजा हिमालय की पुत्री हैं। वे देवी पार्वती का पहला रूप मानी जाती हैं। उनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का फूल होता है। उनका वाहन बैल है, जो दृढ़ता और सहनशीलता का प्रतीक है।

कथा: माँ शैलपुत्री का जन्म हिमालय की पुत्री के रूप में हुआ था। यह उनके पिछले जन्म की सती की कथा से जुड़ा है, जब सती ने अपने पिता राजा दक्ष द्वारा भगवान शिव का अपमान सहन न कर, आत्मदाह कर लिया था। अगले जन्म में वे हिमालय के घर शैलपुत्री के रूप में पुनः जन्मीं। इस रूप में उनकी आराधना से हमें दृढ़ संकल्प, स्थिरता और शांति प्राप्त होती है।

पूजा का महत्व: इस दिन शैलपुत्री की पूजा करने से आत्मबल और जीवन में आने वाली कठिनाइयों को सहन करने की शक्ति मिलती है। यह पूजा उन लोगों के लिए भी लाभकारी मानी जाती है जो जीवन में स्थिरता और धैर्य की कामना करते हैं।

ध्यान मंत्र: "वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥"

"ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः"

See All Related Religious Stories Here