"गीत की धुन को समझने के लिए, वीडियो जरूर देखें।"

नवरात्रि व्रत कथा | तृतीय दिन चंद्रघंटा पूजा| Navratri Vrat Katha 3rd day Mata Chandraghanta

Author :GunjanSat Oct 05 2024

आज नवरात्रि का तीसरा दिन है, और इस दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र है और यह शक्ति की देवी के योद्धा रूप का प्रतीक हैं।

माँ चंद्रघंटा का स्वरूप: चंद्रघंटा देवी के मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित होता है, और वे युद्ध के समय में एक योद्धा के रूप में प्रकट होती हैं। वे सिंह पर सवार रहती हैं और उनके हाथों में अनेक अस्त्र-शस्त्र होते हैं, जो उनके वीरता के प्रतीक हैं।

कथा: देवी चंद्रघंटा का यह रूप उस समय का है जब उन्होंने शिव से विवाह के समय युद्ध-रूपी आक्रामकता धारण की थी। उनके युद्धघोष से असुरों में भय व्याप्त हो गया और वे पराजित हो गए। यह देवी शांति की स्थापना के लिए युद्ध करती हैं, जो न्याय और धर्म की रक्षक मानी जाती हैं।

पूजा का महत्व: इस दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से साहस, आत्मविश्वास और धैर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही यह पूजा मानसिक शांति और कठिन परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखने में सहायक होती है।

ध्यान मंत्र: "पिण्डज प्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघंटेति विश्रुता॥"

"ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः"

See All Related Religious Stories Here